Dr. Bhimrao Ambedkar / DrBhimrao Ambedkar
Librería Desdémona
Librería Samer Atenea
Librería Aciertas (Toledo)
Kálamo Books
Librería Perelló (Valencia)
Librería Elías (Asturias)
Donde los libros
Librería Kolima (Madrid)
Librería Proteo (Málaga)
भारत में जातिप्रथा विषय कितना जटिल है, जिसके संबंध में विचार व्यक्त करने हैं। अनेकों योग्य विद्वानों ने जाति के रहस्यों को खोलने का प्रयास किया है, किंतु यह दुःख की बात है कि यह अभी तक यह पूर्ण रूप से व्याख्यायित नहीं हुआ है और लोगों को इसके बारे में अल्प जानकारी है। मैं जाति जैसी संस्था की जटिलताओं के प्रति सजग हूं और मैं इतना निराशावादी नहीं हूं कि यह कह सकूं कि यह पहेली अगम, अज्ञेय है, क्योंकि मेरा विश्वास है कि इसे जाना जा सकता है। जाति की समस्या सैद्धांतिक और व्यावहारिक रूप से एक विकराल समस्या है। यह समस्या जितना व्यावहारिक रूप से उलझी है, उतना ही इसका सैद्धांतिक पक्ष इन्द्रजाल है। यह ऐसी व्यवस्था है, जिसके फलितार्थ गहन हैं। होने को तो यह एक स्थानीय समस्या है, लेकिन इसके परिणाम बड़े विकराल हैं। जब तक भारत में जातिप्रथा विद्यमान है, तब तक हिन्दुओं में अंतर्जातीय विवाह और बाह्य लोगों से शायद ही समागम हो सके, और यदि हिंदू पृथ्वी के अन्य क्षेत्रों में भी जाते हैं तो भारतीय जात-पांत की समस्या विश्व की समस्या हो जाएगी।