Librería Desdémona
Librería Samer Atenea
Librería Aciertas (Toledo)
Kálamo Books
Librería Perelló (Valencia)
Librería Elías (Asturias)
Donde los libros
Librería Kolima (Madrid)
Librería Proteo (Málaga)
हिंदी साहित्य में मुंशी प्रेमचंद एक ऐसे साहित्यकार हैं जिन्होंनेसमाज के हर वर्ग की संवेदनाओं को अपनी लेखनी से स्वरदिया। हालांकि वे मुख्य रूप से यथार्थवादी कथा साहित्य के लिएप्रसिद्ध हैं, किंतु उन्होंने बच्चों के लिए भी अत्यंत मूल्यवान औरशिक्षाप्रद कहानियाँ लिखीं। उनकी बाल कहानियाँ न केवलमनोरंजन प्रदान करती हैं, बल्कि बच्चों के नैतिक, सामाजिकऔर बौद्धिक विकास में भी सहायक सिद्ध होती हैं। प्रेमचंद कीबाल कहानियाँ जीवन की सरलता, सत्य, परिश्रम, करुणा औरईमानदारी जैसे मूल्यों को सहज ढंग से प्रस्तुत करती हैं। इनकहानियों में बाल मनोविज्ञान की गहरी समझ दिखाई देती है।चाहे वह ’ईदगाह’ का हमीद हो, जो अपनी मासूम इच्छाओं काबलिदान कर दादी के लिए चिमटा खरीदता है, या ’पंचपरमेश्वर’ का झूमन, जो न्याय के लिए अपने आत्मीय संबंधों सेऊपर उठता है-प्रेमचंद के पात्न बच्चों को सच्चे जीवन मूल्यसिखाते हैं। उनकी भाषा सरल, प्रवाहमयी और प्रभावशाली है,जिससे बच्चा सहज ही कहानी से जुड़ जाता है। प्रेमचंद कीकहानियाँ बच्चों में सहानुभूति, नैतिकता और सामाजिक चेतनाको जागृत करने का कार्य करती हैं। आज जब बच्चों के साहित्यमें व्यावसायिकता हावी है, प्रेमचंद की बाल कहानियाँ एकआदर्श प्रस्तुत करती हैं-जो न केवल पठनीय हैं, बल्किशिक्षाप्रद भी हैं। इसलिए, बाल साहित्य के क्षेत्र में प्रेमचंद कायोगदान चिरस्मरणीय और अनुकरणीय है।