Ahankar (अहंकार)

Ahankar (अहंकार)

Premchand

14,42 €
IVA incluido
Disponible
Editorial:
Repro India Limited
Año de edición:
2024
ISBN:
9789363183896
14,42 €
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’अहंकार’ एक नैतिक नाटकीय शैली में उपन्यास है जो पापनाशी नामक एक कट्टरपंथी साधू के जीवन और संघर्षों को दर्शाता है। पापनाशी अपनी धार्मिक मान्यताओं में अत्यंत दृढ़ है और वेश्यावृत्ति जैसे पापों को घृणा करता है।एक दिन, पापनाशी को थायस नामक एक सुंदर वेश्या का सामना करना पड़ता है। थायस अपनी सुंदरता और मोहक व्यक्तित्व से पापनाशी के तप को चुनौती देती है। पापनाशी थायस को पाप से मुक्त करने का प्रयास करता है, लेकिन थायस उसकी धार्मिक कट्टरता का विरोध करती है।इस संघर्ष के दौरान, पापनाशी को अपनी मान्यताओं और आत्मविश्वास पर सवाल उठाने पर मजबूर होना पड़ता है । वह सेन्ट एन्टोनी नामक एक ईसाई संत से सलाह लेता है, जो उसे सिखाता है कि दया और करुणा कट्टरता से अधिक महत्वपूर्ण हैं।अंततः, पापनाशी को अपनी गलतियों का एहसास होता है और वह थायस को स्वीकार करता है। वह अपनी कट्टरपंथी विचारों को त्याग देता है और एक अधिक सहिष्णु और दयालु व्यक्ति बन जाता है।यह उपन्यास सामाजिक रूढ़ियों और धार्मिक कट्टरता पर भी एक शक्तिशाली टिप्पणी है। ’अहंकार’ हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण कृति है और इसका अनुवाद कई भाषाओं में किया गया है।

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