कहानियां सत्य की दूर से आती प्रतिध्वनियां हैं: एक सूक्ष्म सा इशारा, एक नाजुक सा धागा। तुम्हें खोजते रहना होगा। तब कहानी धीरे अपने खजाने तुम्हारे लिए खोलने लगेगी। यदि तुम कहानी को वैसे ही लो जैसी वह दिखाई देती है, तुम उसके संपूर्ण अर्थ से ही चूक जाओगे। प्रत्यक्ष वास्तविक नहीं है। वास्तविक छिपा है... बड़े गहरे में छिपा है जैसे किसी प्याज में कोई हीरा छिपा हो। तुम उघाड़ते जाते हो, उघाड़ते जाते होः प्याज की परतों पर परतें, और तब हीरा उजागर होता है।ओशोपुस्तक के कुछ मुख्य विषय बिंदु:* धार्मिक चित्त क्या है?* सत्य की खोज में सर्वाधिक आवश्यक क्या है?* महत्वाकांक्षा का मूल क्या है?* मनुष्य का भय क्या है?* उसकी चिंता क्या है?* धर्म क्या है?* जीवन क्या है?* प्रेम क्या है?.